BharatPe के फाउंडर भाविक कोलाडिया ने Ashneer Grover के खिलाफ किया मुकदमा, 1000 करोड़ के शेयर चाहते हैं वापस

BharatPe के फाउंडर भाविक कोलाडिया ने Ashneer Grover के खिलाफ किया मुकदमा, 1000 करोड़ के शेयर चाहते हैं वापस

Exclusive: भारत पे के फाउंडर Bhavik Koladiya ने अब Ashneer Grover से अपने 1000 करोड़ के शेयर वापस लेने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया है

नई दिल्ली: BharatPe के पूर्व एमडी अशनीर ग्रोवर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत पे के फाउंडर भाविक कोलाडिया ने अब अशनीर ग्रोवर से अपने 1000 करोड़ के शेयर वापस लेने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया है. भाविक कोलाडिया भारत पे के ओरिजिनल फाउंडर हैं. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अशनीर ग्रोवर के खिलाफ एक लॉ सूट दायर किया है. कोलाडिया भारत पे के को फाउंडर और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही चाहते हैं.

भाविक कोलाडिया ने कहा है कि वह चाहते हैं कि अशनीर ग्रोवर उनके शेयर वापस करें. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस प्रतीक जालान के सामने यह मामला सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है. कोलाडिया और ग्रोवर के बीच शेयरों को लेकर झगड़े की बात पिछले साल पहली बार सामने आई थी.

भारत पे के कोफाउंडर के रूप में भाविक कोलाडिया और शाश्वत नकरानी ने जुलाई 2017 में कंपनी की स्थापना की थी. मार्च 2018 में Bharatpe को कंपनी का आकार दिया गया था. उस समय भाविक कोलाडिया कंपनी के फेस के रूप में जाने जाते थे. वह निवेशकों से फंडिंग के लिए बातचीत करते थे. 3 महीने बाद जून 2018 में अशनीर ग्रोवर ने भारत पे में तीसरे को फाउंडर के रूप में ज्वाइन किया था.

जब ग्रोवर ने भारत पे ज्वाइन किया उस समय उनके पास 32 फ़ीसदी इक्विटी, नकरानी के पास 25.5 फीसदी और भाविक कोलाडिया के पास 42.5% इक्विटी थी. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जमा किए गए दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है.

6 महीने बाद दिसंबर 2018 में भाविक कोलाडिया का नाम भारत पे के फाउंडर की लिस्ट से गायब पाया गया. इसके कुछ दिनों बाद ही सिकोइया कैपिटल इन्वेस्टर के रूप में भारत पे में शामिल हुई थी. किसी बड़े संस्थागत निवेशक को कंपनी में शामिल करने से पहले किसी सजायाफ्ता व्यक्ति का नाम फाउंडर की सूची से हटा देने का यह सीधा-सीधा मामला था.

भाविक कोलाडिया साल 2007 में अमेरिका गए थे और वहां एक ग्रॉसरी स्टोर चला रहे थे. वहां वह बिना किसी लाइसेंस के डिजिटल पेमेंट एक्सेप्ट कर रहे थे, इस वजह से अमेरिकी नियमों का उल्लंघन हुआ और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. कानूनी प्रक्रिया 22 महीने चली और उसके बाद भाविक कोलाडिया पर $100 का जुर्माना लगा और साल 2015 में उन्हें भारत भेज दिया गया.

अशनीर ग्रोवर के भारत पे ज्वाइन करने के बाद वही भारतपे का फेस बन गए. भारत पे के टेक बैकबोन के रूप में भाविक कोलाडिया जुड़े हुए थे, लेकिन उनकी भूमिका कंसलटेंट की तरह रह गई. बाद में भारत पे के संस्थापक और अन्य शेयर धारक इस नतीजे पर पहुंचे कि कोलाडिया का कंपनी में इंवॉल्वमेंट कम किया जाए. इसके लिए उनके शेयर को अशनीर ग्रोवर, नकरानी और नकरानी के फादर के साथ कुछ एंजल इन्वेस्टर में बांट दिया गया. अभी भाविक कोलाडिया ने ग्रोवर से अपने शेयर वापस लेने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया है. इस समय अशनीर ग्रोवर के पास कोलाडिया के करीब ₹1000 करोड़ के शेयर हैं.