नए साल में तैयार होगी पशुपतिनाथ लोक डिजाईन करने के लिए तय होगी कंपनी

नए साल में तैयार होगी पशुपतिनाथ लोक डिजाईन करने के लिए तय होगी कंपनी

मंदसौर,
विश्वप्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर पर उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर पशुपतिनाथ लोक बनाने की प्लाङ्क्षगन नए साल की शुरुआत में तैयार होगी। मंदिर प्रबंध समिति इसके लिए एक्सप्रेस ऑफ इंट्रस्ट (ईओआई) जारी करेंगे। इसमें देशभर की विभिन्न कंसल्लेट कंपनियों को यहां आकर विजीट करेनें और यहां सौदर्यीकरण से लेकर विकास कार्य की संभावनाओं पर अपना प्लान बनाने के लिए कहा जाएगा। कंपनियां यहां आकर मंदिर समिति को अपने प्लान का प्रेजेंटेशन देगी। इसके बाद समिति को जिसकी प्लानिंग सबसे अच्छी लगेगी। उसे पशुपतिनाथ लोक निर्माण के लिए ड्राईग डिजाईन तैयार करने का काम दिया जाएगा। ३० जनवरी-२०२३ तक ही कंपनी तय हो जाएगी और पशुपतिनाथ लोक बनने की दिशा में काम की शुरुआत होगी। इसमें विशेष रुप से यहां आने वाले भक्तों की सुविधा और परिवहन के साथ पार्किंग सहित मंदिर के सौंदर्यीकरण से लेकर लाईटिंग सहित भगवान की लीलाओं से जुड़े प्रसंगों का वर्णन किया जाना है। इसके अनुसार प्लानिंग होगी। यह निर्णय भगवान पशुपतिनाथ मंदिर समिति की बैठक में लिया गया।

सहस्त्र शिवलिंग में खर्च हुए ५ करोड़, पुजारी की हुई अस्थायी नियुक्ति

सहस्त्र शिवलिंग मंदिर निर्माण के व्यय का अनुमोदन हुआ। मंदिर निर्माण में समिति ने ५ करोड़ रुपए का खर्च होना बताया तो वहीं सहस्त्र शिवलिंग मंदिर में दो पुजारियों को एक-एक माह के लिए अस्थायी रुप से नियुक्त किया है। वहीं पशुपतिनाथ मंदिर के समीप तापेश्वर मंदिर की प्रशासनिक व्यवस्था पर निर्णय करते हुए इसकी व्यवस्था भी पशुपतिनाथ मंदिर समिति की अधीन ली। यहां पर पुजारी को मंदिर समिति मानदेय देंगी तो यहां दानपेटी भी रखी जाएगी। वहीं मंदिर पर सुरक्षा गॉर्ड की नियुक्ति को लेकर एजेंसी भी तय की गई। १ जनवरी से इस एजेंसी को मंदिर को सुरक्षा गॉर्ड देना है। श्रीश्याम सिक्योरिटी को तय किया है।

धर्मशाला का होगा अधिग्रहण तो दशोरा समाज की कुलदेवी के लिए बनेगा मंदिर

इसके साथ ही मंदिर के समीप स्थित फूलमाली समाज की धर्मशाला के अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। मंदिर के बिलकुल लगी हुई यह धर्मशाला है और पशुपतिनाथ लोक के लिए अधिग्रहण की जाएगी तो वहीं शिवना नदी के बीच में स्थिति दशोरा समाज की कुलदेवी की प्रतिमाओं को नदी से निकालकर मंदिर की जगह पर मंदिर का निर्माण कर वहां स्थापित किया जाएगा। मंदिर समिति द्वारा दी गई ५० दुकानों में अधिकांश दुकानदारों का किराया बकाया है। ऐसे में किराया वसूली के लिए अब पैनल्टी का निर्णय लिया गया है। तीन माह जमा नहीं कराने पर चौथे माह पैनल्टी लगाई जाएगी। मंदिर के इतिहास और आरती से लेकर मंत्रों को लेकर पुस्तक का प्रकाशन भी मंदिर समिति द्वारा कराया जाएगा। इसके अलावा अन्य बिन्दुओं पर भी निर्णय किया गया है।

निर्माण के सभी मुद्दें को किया निरस्त

बैठक में एजेंडे में १४ मुद्दें शामिल थे। इसमें मंदिर के काम के लिए ई-बाईक खरीदने से लेकर पार्किंग स्थल क्षेत्र में नवीन गेट के निर्माण व पार्किंग क्षेत्र में सीसी का काम करने सहित जो निर्माण के मुद्दें थे उन्हें निरस्त किया गया। इसमें तर्क दिया कि पशुपतिनाथ लोक निर्माण की कल्पना पर जब आगे बढ़ रहे है तो उसमें सब काम हो जाएगा। बैठक के दौरान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक में सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक यशपालङ्क्षसह सिसौदिया, कलेक्टर गौतम सिंह, एसपी अनुराग सुजानिया, जिला पंचायत सीईओ कुमार सत्यम, एसडीएम बिहारीसिंह, पीआईयू बबीता मालवीय, नपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा सहित समिति सदस्य एवं अधिकारी मौजूद थे।