हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड: वृक्ष की पूजा में शक्ति की अनूठी महिमा

हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड: वृक्ष की पूजा में शक्ति की अनूठी महिमा

हाजीपुर: वैशाली जिले के भगवानपुर रतनपुरा गांव में स्थित एक अद्वितीय मंदिर जो वृक्ष की पूजा को अपनाए हुए है, नवरात्रि के त्योहार में लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। यहां, नवरात्रि के पावन दिनों में एक अद्वितीय रिति अनुसार, एक वृक्ष की पूजा का आयोजन किया जाता है, जो इस स्थल को अद्वितीय बनाता है।

यह मंदिर सामान्यत: एक मंदिर के तरह नहीं है। यहां किसी भगवान या देवी की मूर्ति नहीं है, बल्कि एक वृक्ष ही पूजा जाता है। इस वृक्ष की पूजा का आयोजन नवरात्रि के दौरान किया जाता है, जब लोग शक्ति मां की पूजा के लिए आकर्षित होते हैं। यहां के गांववाले मानते हैं कि इस वृक्ष की पत्तियों से रक्त की तरह लाल रंग निकलता है, जो इसकी अद्वितीयता का प्रमाण है।

वहाँ की जनता का कहना है कि यह वृक्ष किस प्रजाति का है, यह तो आज तक नहीं पता चल पाया है। वनस्पति वैज्ञानिकों द्वारा भी इस वृक्ष की जाति का खुलासा नहीं किया जा सका है। इस अनूठे वृक्ष की पूजा में लोग भगवान की शक्ति का अनुभव करते हैं और नवरात्रि के इस पावन अवसर पर उनकी श्रद्धा निरंतर बढ़ती है।

नवरात्रि के इन पावन दिनों में यहां एक मेला भी लगता है, जो आसपास के क्षेत्रों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मेला भी इस अनूठे वृक्ष की पूजा की महत्वता को और बढ़ाता है। लोग यहां शक्ति के इस अद्वितीय स्त्रोत की श्रद्धा के साथ मिलते हैं और नवरात्रि की अनुष्ठानिकता का पालन करते हैं।

इस मंदिर की अद्वितीयता और भक्तों की विश्वासशीलता इसे एक अनोखे स्थान के रूप में उजागर करती है, जहां शक्ति के विश्व के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास को दर्शाते हुए एक सामाजिक उत्सव का आयोजन किया जाता है। यहां की विशाल भव्यता और आनंदमयी वातावरण लोगों को नवरात्रि के इस पावन त्योहार का अद्वितीय अनुभव कराते हैं और इसे विशेष बनाते हैं।*

इस पावन अवसर पर हम सभी को यह सिखने का अवसर मिलता है कि शक्ति हमें न केवल भौतिक रूप में परिपूर्ण करती है, बल्कि प्राकृतिक रूप में भी हमें जीवन के लिए आत्मनिर्भर और सहायक बनाती है। इसी उम्मीद के साथ, हम नवरात्रि के इस पवित्र महोत्सव को नमन करते हैं और शक्ति के इस संदेश को अपने जीवन में समाहित करते हैं।