झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट पर रिश्वत के आरोप: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का संघर्ष

झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट पर रिश्वत के आरोप: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का संघर्ष

रांची, झारखंड: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गोड्डा लोकसभा सीट के सांसद, निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिश्वत के आरोपों को लेकर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) आईटी राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखा है। यह मामला अब राजनीतिक रंग में उतर आया है, जिससे झारखंड में सियासी तूफान उठा है।

निशिकांत दुबे द्वारा इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखने के एक दिन बाद, उन्होंने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) आईटी राजीव चंद्रशेखर को एक और पत्र लिखा।

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, कहते हुए कि लोकसभा और राज्यसभा में कौन क्या प्रश्न पूछेगा, यह अधिकार मोदी सरकार के लोगों के पास ही है। वहीं, निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक, गैरकानूनी और देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक बताते हुए उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं।

दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लिखे गए पत्र में यह दावा किया है कि यदि आरोप साबित होते हैं, तो यह एक भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर और आपराधिक उल्लंघन का मामला है। इसके अलावा, उन्होंने मोइत्रा के लोकसभा खाते के सभी लॉगिन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जाँच करने की मांग की है।

इस मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निशिकांत दुबे का समर्थन किया है, कहते हुए कि वह सम्मानित सांसद हैं और हमेशा तथ्यों के साथ ही खड़े होते हैं। उनकी विश्वसनीयता संसद में बेहतर है।

महुआ मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत के आदान-प्रदान के पुख्ता सबूत को लेकर निशिकांत दुबे ने आधार एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई के पत्र को बनाया है। उन्होंने मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों को सीबीआई के संज्ञान में लाने की बात कही है।

यह मामला जांच के लिए सुर्खियों में है, जिससे झारखंड की सियासी मंच पर तीव्र बहस और उत्साह का माहौल है। लोगों की नजरें इस मामले पर हैं, जबकि राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर बहस कर रहे हैं। इस मामले में होने वाली जांच और उसके परिणाम से झारखंड की राजनीति में नई घटनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।