बिहार सीएम की विशिष्ट घोषणा
हाल ही में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एससी-एसटी व ईबीसी महिलाओं को शारीरिक परीक्षा में पांच सेमी की छूट प्रदान करने की विशिष्ट घोषणा की गई है।
क्या है यह घोषणा
◆ यह घोषणा उन महिलाओं के लिए है जो शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होती है इसी में विशेष छूट प्रदान करने के लिए यह विशेष घोषणा की गई।
◆ इस घोषणा के बाद बिहार की एससी, एसटी और ईबीसी महिलाओं काे शारीरिक दक्षता परीक्षा में ऊंचाई में पांच सेंटीमीटर की छूट मिलेगी।
◆ इन महिलाओं के लिए न्यूनतम ऊंचाई 155 की जगह 150 सेमी की जाएगी।
◆ यह घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा तब की गई जब सोमवार 20 मार्च को विधानसभा में बजट सत्र चल रहा था।
◆ विधानसभा सदस्य अनिल कुमार ने सत्र की पहली पाली में महिलाओं की ऊंचाई का मुद्दा उठाया था।उन्होंने कहा कि शारीरिक परीक्षा में सामान्य और पिछड़ा वर्ग के पुरुषों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 165 सेमी है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पुरुषों की न्यूनतम ऊंचाई 160 सेमी है। जबकि सभी वर्ग के महिलाओं की न्यूनतम ऊंचाई 155 सेमी है। ऐसे में एससी, एसटी और ईबीसी महिलाओं काे न्यूनतम ऊंचाई में 5 सेमी की छूट मिले। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा की गई है।
◆ इस घोषणा के बाद इन तबके से संबंध रखने वाली महिलाओं में हर्ष उल्लास देखा गया है क्योंकि अब इन प्रतिभाशाली महिलाओं में जो ऊंचाई को लेकर पीछे रह जाती थी वह अब अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे
विधानसभा बजट सत्र से जुड़ी हुए अन्य बातें
◆ बिहार विधानसभा बजट सत्र में और भी कई मुद्दों पर निर्णय सुनाए गए व उन पर चर्चा भी हुई। बजट सत्र के दौरान गोपाल रविदास ने सरकार से सवाल किया कि पटना, नालंदा, जहानाबाद सहित अन्य जगहों पर मसूर दाल की पैदावार के बाद भी प्रोसेसिंग यूनिट होने से किसानों को परेशानी हो रही है। प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना करने की क्या योजना है। इसके जवाब में उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि यदि कोई प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहता है तो सरकार 35 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। 35% तक सब्सिडी मिले इस पर भी विशेष बल दिया गया और इसमें भी विशेष रियायत दे रहा है इसके लिए प्रस्ताव रखा गया।
◆ बजट सत्र के दौरान जब डिस्प्ले पर अंग्रेजी के शब्दों का प्रदर्शन हुआ तब माननीय मुख्यमंत्री जी इसको लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हिंदी को पूर्णता खत्म ही कर दिया गया था क्या जिसको लेकर लगातार हर जगह चर्चा हो रहे हैं।
◆ सोमवार को अल्पसूचित प्रश्न के दौरान अचानक मुख्यमंत्री सदन में सभापति का ध्यान सामने लगी स्क्रीन की ओर दिलाया। कहा कि ऑनरेबल, स्पीकिंग, टाइम यह सब क्या चल रहा है। ऑनरेबल की जगह माननीय लिखा जाए। हिंदी को एकदम खत्म ही करा दिया जाएगा क्या। सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि सुधार करा दिया जाएगा। थोड़ी ही देर में दिखने भी लगा। विधानसभा की स्क्रीन पर ऑनरेबल शब्द की जगह विधान पार्षदों के नाम के आगे श्री लिखा जाने लगा।
◆ इसे लेकर इसके पहले फरवरी में किसान समागम कार्यक्रम में भी उन्होंने किसानों और अफसरों के द्वारा अपनी राय देते वक्त अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था ये क्या है, बिहार है ना जी। आप लोग जितना बोलते हैं, सब अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर रहे हैं।
◆ बजट सत्र में हिंदी को जिस प्रकार से मान सम्मान देने की माननीय मुख्यमंत्री जी ने बात करी वह सभी को कहीं ना कहीं बेहतर जरूर लगी जिस पर अमल भी किया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को भी मिलेंगे।
निष्कर्ष: बिहार विधानसभा बजट सत्र में जिस प्रकार से इन महिलाओं को विशेष छूट प्रदान की गई है वह एक सुखद विषय है और बाकी दिन मुद्दों पर बजट सत्र में चर्चा की गई है उन पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया है यह कर भविष्य में इनको भी लागू करने की जो मांग चल रही है उन पर भी अमल अगर कर दिया जाएगा तो यह निश्चित तौर पर विकास की ओर अग्रसर होने वाला मॉडल के रूप में उभरेगा।