बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने पर फैसला जल्द, दशहरा से पहले हो सकती है घोषणा
पटना, 24 सितंबर 2023:
बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने पर जल्द ही फैसला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को एक नया सिस्टम तैयार करने का निर्देश दिया है। पाठक ने इस सिस्टम को तैयार कर लिया है और उसे मुख्यमंत्री को सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस सिस्टम को देखने के बाद इस पर सितंबर महीने के अंत तक फैसला लेने का निर्देश दिया है। अगर फैसला सकारात्मक होता है, तो दशहरा से पहले इसकी घोषणा की जा सकती है।
बिहार में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षक हैं। ये शिक्षक कई सालों से राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। अगर उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा मिल जाता है, तो उन्हें वेतन, पेंशन, और अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने से नियोजित शिक्षकों को निम्नलिखित लाभ होंगे:
वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी
पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ
चिकित्सा लाभ
अन्य सुविधाएं, जैसे कि छुट्टी, प्रशिक्षण, और आवास
राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने से शिक्षा व्यवस्था को क्या होगा फायदा?
राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने से नियोजित शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा। इससे वे बेहतर तरीके से पढ़ाई-लिखाई कर सकेंगे। इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।