बिहार में प्रतियोगिताओं का आयोजन

बिहार में प्रतियोगिताओं का आयोजन
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बिहार के इतिहास संस्कृति पर्यावरण भूगोल और समसामयिक विषय पर हुआ क्विज कंपटीशन

◆ हाल ही में सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय रतौली में ज्ञान पल्लव क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ◆ बिहार महोत्सव के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के तीसरे क्विज प्रतियोगिता पूरी तरह से अपने बिहार पर आधारित थी।

◆  जिसमें बिहार के गौरवशाली इतिहास, भूगोल, राजनीति, पर्यावरण, खेलकूद, कला व संस्कृति और समसामयिकी से जुड़े सवाल जबाव किए गए। 

◆ कार्यक्रम के दौरान नालंदा हाउस, विक्रम शिला हाउस, वैशाली हाउस व मगध हाउस के चयनित प्रतिभागियों से कुल 8 चक्रों में रोचक व ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछे गए।

कौन रहे प्रतियोगिता में विजेता

◆ जिसमें नालंदा हाउस की अनुराधा कुमारी व अंशु कुमारी ने 85 अंकों के साथ प्रथम स्थान, वैशाली हाउस के सत्यम कुमार व उजाला कुमारी ने 75 अंकों के साथ द्वितीय स्थान तथा विक्रम शिला हाउस के हर्षराज व आदर्श कुमार 65 अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। 

◆ वहीं मगध हाउस की आरजू व आदित्य को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस पूरे आयोजन में क्विज मास्टर की भूमिका में विद्यालय की शिक्षिका कल्पना चौधरी व स्कोरर के रूप में अनिता सिन्हा अपने उत्तरदायित्व का निर्वहण बेहतर ढंग से किया। 

◆ इस क्विज प्रतियोगिता के सफल आयोजन में विद्यालय वरीय शिक्षक अशोक कुमार पासवान व नवनियुक्त संस्कृत स्नातक त शिक्षक सुचित्रा कुमारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

◆ इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक धनंजय कुमार ने कहा कि विद्यालय के छात्र-छात्राओं के बीच ज्ञानार्जन की एक बेहतर प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया।

◆  जिसमें ज्ञानार्जन की तैयारी में कई महत्वपूर्ण नवाचारों के साथ लगातार इस तरह के विषय आधारित क्विज प्रतियोगिताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

◆ अब विद्यालय गुणवत्ता शिक्षा की ओर लगातार अग्रसर हैं। इसके लिए अभिभावकों का विश्वास दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। यही कारण है कि प्राइवेट स्कूल से बच्चे नाम कटा कर यहाँ नामांकन ले रहे हैं। 

◆ छात्र केन्द्रित शिक्षा व्यवस्था व विद्यालय के आकर्षक वातावरण के कारण बच्चों का ठहराव शत प्रतिशत के करीब है ।

 

निष्कर्ष: सरकारी स्कूल के जिस प्रकार का मॉडल इसी स्कूल में प्रस्तुत किया है वह काबिले तारीफ है और स्कूल उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है जो अधिक पीस खाकर बड़े स्कूलों में नहीं जा सकते जिनमें ऐसी ही सुविधा होती है वह सुविधा इस स्कूल में सरकार द्वारा और यहां के शिक्षकों द्वारा उपलब्ध करवाने से अब शिक्षा से वंचित रहने वाले वह छात्र भी गुणवत्ता के साथ अध्ययन कर पाएंगे और यहां तक कि इस स्कूल का माहौल जो है वह प्राइवेट स्कूल में जाने वाले बच्चों को भी आकर्षित कर रहा है और वह भी इस स्कूल में जॉइन होना चाहते हैं जो कि एक सुखद एहसास का विषय है।