राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 जनवरी को आएंगी राजस्थान:संविधान पार्क का उद्घाटन कर माउंट-आबू में करेंगे रात्रि-विश्राम, राष्ट्रीय जंबूरी में भी होंगी शामिल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 जनवरी को आएंगी राजस्थान:संविधान पार्क का उद्घाटन कर माउंट-आबू में करेंगे रात्रि-विश्राम, राष्ट्रीय जंबूरी में भी होंगी शामिल

राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू 3 और 4 जनवरी को पहली बार राजस्थान दौरे पर आ रही है। सेना के विशेष विमान से राष्ट्रपति 3 जनवरी को जयपुर पहुंचेगी। यहां वह राजभवन में बने संविधान पार्क का उद्घाटन करेगी। इसके बाद सेना के विशेष विमान से वह माउंट आबू के लिए रवाना होंगी। जहां वह ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। वहीं 4 जनवरी को पाली के रोहट में राष्ट्रीय जंबूरी में शामिल होंगी।

राष्ट्रपति का प्रस्तावित कार्यक्रम

3 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से जयपुर आएंगी। एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से राजभवन जाएंगी।

सुबह 11 बजे संविधान पार्क के कार्यक्रम में होंगी शामिल। इसके बाद राजभवन में राष्ट्रपति के लिए आयोजित लंच में मौजूद रहेगी।

दोपहर बाद राष्ट्रपति सेना के हैलीकॉप्टर से माउंट-आबू के लिए रवाना होगी। जहां वह ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में बतौर अतिथि होगी शामिल।

इसके बाद वह माउंट-आबू में ही डिनर और रात्रि विश्राम करेगी।

4 जनवरी को सुबह एयरस्ट्रिप से पाली के रोहट में पहुंचेंगी। जहां राष्ट्रपति राष्ट्रीय जबूरी का करेंगी उद्घाटन।

इसके बाद राष्ट्रपति कार्यक्रम स्थल के पास बनाए हेलीपेड से जोधपुर के लिए रवाना होंगी। वही इसके बाद शाम 4 बजे सेना के हेलीकॉप्टर से दिल्ली रवाना होंगी।

एक बार में 50 की एंट्री

50 के स्लॉट में लोगों को संविधान पार्क दिखाएंगे।

2 दिन एंट्री मिलेगी सप्ताह में, इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा।

26 जनवरी को शुरू हुआ था पार्क का काम, 15 अगस्त 2022 तक पूरा होना था।

8.16 करोड़ का बजट था, बढ़कर 9.5 करोड़ रुपए हो गया।

संविधान पार्क में ये है खास

संविधान के गठन में योगदान देने वाली विभूतियों की प्रतिमाएं, उनके योगदान व संविधान की संरचना और उसके वास्तविक मूल्यों को शिलालेखों पर उकेरा गया।

संविधान की जानकारी का विभिन्न खंडों में विभाजन, प्रतिमाओं व शिलालेखों को वॉक-वे के पास स्थापित कर श्रव्य-दृश्य माध्यम से आकर्षक बनाया गया।

महात्मा गांधी की 10 गुणा 12 फीट की चरखा चलाते गन मेटल की मूर्ति लगाई गई है।

महाराणा प्रताप की उनके प्रिय घोड़े चेतक के साथ सफेद मार्बल की प्रतिमा स्थापित की गई है।