विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस

◆ प्रति वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है

 

Theme For 2023

‘स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना’ (Empowering Consumers Through Clean Energy Transitions) 



उद्देश्य

◆ उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना।

◆  उपभोक्ता आंदोलन और अन्य प्रभावशाली प्रतिभागी उपभोक्ता अधिकार, संरक्षण और सशक्तीकरण पर वैश्विक जागरूकता का प्रचार प्रसार करना।

 

शुभंकर

◆ उपभोक्ता जागरूकता शुभंकर  DoCA का नया शुभंकर 'जागृति' लॉन्च किया गया था जिसका उद्देश्य "जागो ग्राहक जागो" नामक अभियान को मजबूत करना था, ताकि सभी उपभोक्ताओं में जागरूकता संबंधी विचार को मजबूत किया जा सके।

 

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की पृष्ठभूमि

◆ "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की परिकल्पना अमेरिकी राष्ट्रपति 'जॉन एफ कैनेडी' की प्रेरणा से निकली थी।

◆ जॉन एफ केनेडी ने 15 मार्च, 1962 को यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस को उपभोक्ता अधिकारों के विषय पर संबोधित किया था।

◆ संयुक्त राष्ट्र ने 9 अप्रैल, 1985 को उपभोक्ता संरक्षण के व्यापक नियमों को स्वीकार किया था। 

◆ पहला विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस वर्ष 1983 में मनाया गया था।

◆ इस दिवस को मनाने का यह दिवस एक ऐसा अवसर देता है, जिस पर सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किया जाए और उनकी रक्षा की जाए व बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय के प्रति विरोध प्रकट किया जाए।



आखिर कौन है उपभोक्ता ?

◆ उपभोक्ता वो व्यक्ति है जो अपने उपयोग के लिए कोई वस्तु खरीदता है या सेवा प्राप्त करता है। इसमें वह व्यक्ति शामिल नहीं है जो दोबारा बेचने के लिए किसी वस्तु को हासिल करता है या व्यापारिक उद्देश्य के लिए किसी वस्तु या सेवा को प्राप्त करता है। यह सभी उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं।

◆  इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके, टेलीशॉपिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग या सीधे खरीद के जरिये किया जाने वाला सभी तरह का ऑफलाइन या ऑनलाइन लेन-देन शामिल है।

 

उपभोक्ताओं  हितों के संरक्षण हेतु अधिनियम

 ◆ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019:  पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की जगह नया अधिनियम- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 लाया गया था। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 पुराने अधिनियम की तुलना में अधिक तीव्रता से और कम समय में कार्यवाही करता है। पुराने अधिनियम में त्रिस्तरीय उपभोक्ता विवाद निवारण तंत्र की व्यवस्था थी जो अपेक्षाकृत अधिक विलंबकारी थी।

 

◆ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 तहत यदि किसी उत्पाद या सेवा में दोष पाया जाता है तो उत्पाद निर्माता/विक्रेता या सेवा प्रदाता को क्षतिपूर्ति के लिए ज़िम्मेदार माना जाएगा।

◆ अधिनियम में कहा गया है कि प्रत्येक शिकायत का यथासंभव शीघ्र निपटारा किया जाएगा। यदि वस्तुओं के विश्लेषण या परीक्षण की आवश्यकता नहीं है तो विरोधी पक्ष द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 3 महीने की अवधि के भीतर और यदि वस्तुओं के विश्लेषण या परीक्षण की आवश्यकता है तो विरोधी पक्ष द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 5 महीने की अवधि के भीतर शिकायत पर निर्णय लेने का प्रयास किया जाएगा। अधिनियम में दोनों पक्षों की सहमति से मध्यस्थता का भी उल्लेख है।

 

उपभोक्ता कल्याण कोष

◆  वर्ष 1992 में उपभोक्ता कल्याण कोष नियम बनाए गए थे और इसे भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया था।

 

◆ रोहतक कल्याण कोष की स्थापना सीजीएसटी अधिनियम 2017 धारा 57 के तहत की गई है।

 

भारतीय मानक ब्यूरो

◆ BIS अधिनियम, 2016 12 अक्तूबर, 2017 को प्रभाव में आया था। BIS (भारत) अक्टूबर 2020-23 तक तीन साल के कार्यकाल के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन (SARSO) तकनीकी प्रबंधन बोर्ड और अनुरूपता मूल्यांकन बोर्ड (BCA) की अध्यक्षता कर रहा है।

 

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

◆ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 बनाया गया है।

● देशभर में 500 से भी अधिक ज़िला उपभोक्ता फोरम हैं तथा प्रत्येक राज्य में एक राज्य उपभोक्ता आयोग है, जबकि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग नई दिल्ली में स्थित है।

●  भारत में प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस’ मनाया जाता है।