नीतीश-लालू की मुलाकातें: सत्ता की चाभी कौन पकड़ेगा?

नीतीश-लालू की मुलाकातें: सत्ता की चाभी कौन पकड़ेगा?

बिहार के सियासी गलियारों में इन दिनों एक बात को लेकर खूब चर्चा हो रही है कि आखिर नीतीश कुमार आये दिन लालू प्रसाद यादव से मुलाकात क्यों कर रहे हैं? आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? नीतीश कुमार और लालू यादव की लगातार हो रही मुलाकात को लेकर अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. विपक्ष कहा रहा है कि लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के बीच आनंद मोहन को लेकर ठन गई है. आइए पूरा माजरा समझते हैं और आरएलजेडी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने इस पर क्या कहा सबकुछ जानते हैं.

दरअसल, जब से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं के बारे में कहा कि उनके नेताओं से दोस्ती हमेशा रहेगी. इसके बाद से पटना की पॉलिटिक्स में पावर गेम शुरू हो गया. कयास लगाए जाने लगे कि आखिर नीतीश कुमार ने ऐसा क्यों कहा? यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि नीतीश कुमार यह बयान देने से पहले लालू प्रसाद यादव से राबड़ी आवास पर मुलाकात करके आए थे. इस लिहाज से मायने निकाले जाने लगे कि लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच की बात को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. इस वजह से नीतीश कुमार प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं.

वहीं, इस बात को हवा तब और मिल गई जब आरएलजेडी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया. माधव आनंद ने कहा कि जेडीयू-आरजेडी मिलकर सरकार चला रही है, लेकिन दोनों के बीच तालमेल में कमियां है. लालू यादव नीतीश कुमार को किनारा करने में लगे है. इधर, लालू यादव आनंद मोहन को नकार रहे है तो नीतीश कुमार उनको पुचकारने का काम कर रहे है. आरएलजेडी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव ने कहा कि यह पूरी तरह विफल सरकार है और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.