थरूर ने मोदी के संसदीय भाषण पर उठाए सवाल, कहा- UPA की उपलब्धियों को नजरअंदाज किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय भाषण पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में UPA की सरकार के दौरान जनता को मिले अधिकारों का कोई उल्लेख नहीं किया। थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कुछ बहुत अच्छी बातें कीं, लेकिन उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी नहीं कहीं, जो उन्हें कहनी चाहिए थीं।
थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत की लोकतंत्र की उपलब्धियों, जी20 में भारत की बढ़ती भूमिका और महिलाओं के सशक्तिकरण पर बात की। उन्होंने कहा कि ये सभी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और प्रधानमंत्री ने इन पर अच्छी बातें कहीं।
हालांकि, थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह सरकार के दौरान लोगों को दिए गए अधिकारों का कोई उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि इन अधिकारों में सूचना का अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा शामिल हैं।
थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी इच्छा के अनुसार सफलताओं और असफलताओं का चयन किया है। उन्होंने कहा कि यह उनके नजरिये से ठीक है, लेकिन विपक्षी दलों की भी अपनी नजरियां हैं।
थरूर के बयान से यह पता चलता है कि विपक्षी दल प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय भाषण से संतुष्ट नहीं हैं। वे मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार की उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। वे यह भी मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी मनमोहन सिंह सरकार के दौरान किए गए कामों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
विपक्ष के अन्य आरोप:
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय भाषण पर कई अन्य आरोप भी लगाए हैं। इनमें शामिल हैं:
प्रधानमंत्री ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई बात नहीं की। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए सकारात्मक मुद्दों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को बदनाम करने की कोशिश की। विपक्षी दलों ने कहा है कि वे संसद में इन मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरेंगे।